बवासीर की समस्या के लिए गुनगुने गर्म पानी
बदलते समय के साथ साथ बदलते लाइफ स्टाइल और खान पान में बदलाव , मिलावटी खाद्य पदार्थ का सेवन करना भी अनेक बिमारी को दावत देने के समान है । भारत के लगभग 50 प्रतिशत लोग बवासीर की समस्या से ग्रसीत है। बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो बवासीर के बिमारी को शेयर करने में शर्माते हैं,जब धीरे धीरे यह समस्या बढ़ जाती है तब तक इलाज करने में देर हो चुकी होती है।यह बीमारी इतनी दर्द भरी होती है कि ना बैठने में शूकून है ना चलने में, हमेशा दर्द से परेशान रहते हैं।
बवासीर होने का कारण - हमारे गलत खान पान, मिलावटी खाद्य पदार्थ, गलत लाइफ स्टाइल , पानी कम पीना, बवासीर के कारण हो सकता है।
- गलत खान पान - हमारे शरीर के लिए आवश्यक नहीं होती है, जैसे शराब, बीड़ी, सिगरेट तंबाखू को खान पान में शामिल करते हैं , जो हमारे शरीर के लिए बीमारी का कारण होता है । हमारे मूंह के रास्ते पेट पर पहुंच जाते हैं जिससे हमारे पाचन तंत्र को खराब कर देता है,मल द्वार प्रभावित होती है।इसके लत होने पर शरीर को बिगाड़कर रख देता है,
- मिलावटी खाद्य पदार्थ - फल, सब्जी , भोजन जिसे हम दैनिक जीवन में भोजन के रूप में शामिल करते हैं, इसके खेती से लेकर बाजार तक केमिकल और रासायनिक खाद का उपयोग से हमारे खाद्य पदार्थ में मिलावटी होती है। इस मिलावटी फल सब्जी को खाते हैं तो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद होती है।
- गलत लाइफ स्टाइल -भाग दौड़ भरी जिंदगी में हमारे जीवन शैली में इतना बड़ा बदलाव आया है कि सही समय पर खान पान नहीं कर पाते, पार्टी इंज्वॉय ,मोबाइल फोन, टीवी देखने में देर रात तक जगते हैं जिससे हमारे पाचन तंत्र पुरी तरह से प्रभावित होती है, गैस की समस्या, सिर का भारीपन,अपाचन की समस्या से जूझ रहे होते हैं । हमें आराम के लिए भरपूर नींद की आवश्यकता होती है।
- पानी की कमी - हमारे शरीर को डिहाइड्रेशन के लिए पानी की सबसे अधिक जरूरत होती है। हम आवश्यकता से कम पानी पीते हैं, प्यास लगने पर ही हम पानी पीते हैं,हर आधे घंटे में पानी पिएं इससे शरीर में डिहाइड्रेशन बनी रहती है कम से कम एक दिन में 10 गिलास तक पानी जरूर पिएं क्योंकि हमारी पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करती है, और मल त्यागने में आसानी होती है।
बवासीर के लक्षण - जब हम मल त्यागने जाते हैं, हमारे मल कड़ा होता है मल द्वार के नाजुक अंग खरोंच या मल द्वार के आस पास फटने की संभावना रहती है, उस फटे हुए जगह पर मल जमने लगते हैं,मल जब पुराने होती है उस जगह पर सुजन होती है,मल का द्वार छोटा होने लगता है, फटे जगह का मल धीरे धीरे बड़ा होने लगता है। और बवासीर का रूप ले लेती है। जो मल त्यागने के समय असहनीय दर्द होने लगता है,कभी कभी मल द्वार पर खुजलाने लगता है। समय रहते इलाज नहीं होने पर अन्य पार्ट को भी नुकसान करने लगता है।अपने बिमारी का डाक्टर खुद बनें, अपने बिमारी को पहचानें।
गर्म गुनगुने पानी से कैसे राहत पाएं - हमारे शरीर को डिहाइड्रेशन के लिए पानी की अधिक मात्रा में आवश्यक होता है। पानी की कमी हमारे शरीर के क्रिया को प्रभावित करता है,हम सुबह जैसे ही उठते हैं, सबसे पहले लगभग आधा लीटर गुनगुने गर्म पानी पीना चाहिए। पानी पीते समय कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए हमें एक हि बार में नहीं पीना है, धीरे धीरे चाय की तरह पीना है। मल त्यागने बैठते वैसे ही आसान में बैठकर पानी पीना चाहिए, जिससे हमारे मल को जल्दी से बाहर करने में मदद करता है।और कम से कम 100-200 कदम चलना चाहिए साथ ही साथ ताड़ासन करना चाहिए जिससे हमारे शरीर का मल गीली होती है और उसे त्यागने में आसानी होती है। सुबह गुनगुने गर्म पानी पीने से पेट साफ होता है, और गैस की समस्या से भी राहत मिलती है।अपने बिमारी का डाक्टर खुद बनें, अपने बिमारी को पहचानें।
अस्वीकरण - ऊपर बताए गए सभी जानकारी हमारी अनुभव के आधार पर है, व्यक्ति के शारीरिक क्षमता के अनुसार लाभ अलग-अलग हो सकती है। हम किसी भी तरह की दावा नहीं करते कि बवासीर का स्थाई समाधान मिल सके। यदि आपको बवासीर से संबंधित समस्या ज्यादा है तो डाक्टर से सम्पर्क कर परामर्श ले सकते हैं।
