नीम और करेले के मिश्रण जूस में पैर रखते ही कंट्रोल में होगा बीपी और सुगर। जानिए नीम और करेले के उपयोग एवं विधि

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नीम और करेले के जूस के फायदे




नीम और करेले 

नीम और करेले का तासीर कड़वी होती है ।आयुर्वेद में पारंपरिक चिकित्सा के रूप में उपयोग में लाया जाता है। पोटेशियम ,एंटी इंफ्लेमेन्टरी ,एंटीऑक्सीडेंट्स ,निम्बिडीन और निम्बिन नीम और करेले का जूस बनाकर पीने से अनेक फायदे मिलते हैं। कड़वाहट अधिक होने के कारण पीने में हिचकिचाहट महसूस होती है। आज मैं इस लेख में पाठक को बताऊंगा कि कैसे नीम और करेले के जूस में पैर रख कर भी बीपी और सुगर को कंट्रोल में कर सकते हैं।

जूस बनाने की विधि 

  • नीम और करेले का जूस तैयार करने के लिए आधा किलो नीम और आधा किलो करेले लेना है।
  • नीम और करेले को साफ पानी से अच्छी तरह साफ कर लें।
  • एक मिक्सर की सहायता से अच्छी तरह से ग्रींडर कर लें।
  • लगभग 1 लीटर पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं।
  • एक छोटा टब में रखकर लगभग आधा घंटे के लिए छोड़ दें।

उपयोग करने की विधि 

  • एक कुर्सी लें और कुर्सी पर बैठकर टब में तैयार मिश्रण जूस में सुबह खाली पेट दोनों पैर को रख दें।
  • लगभग 30 मिनट तक दोनों पैर को टब के अंदर हिलाते रहें ।
  • पैर को हिलाने से पैरों में मौजूद छोटे छोटे छिद्रों के रास्ते नीम और करेले की कड़वाहट पुरे शरीर में पहुंच जाते हैं।
  • 30 मिनट के अंदर आपके जीभ में कड़वाहट महसूस होगी।
  • सप्ताह में एक बार इस विधि को दोहराते रहे।
नीम और करेले के जूस से क्या फायदे होते हैं :

 1 ब्लड सुगर को कंट्रोल करता है -

  •  नीम - नीम में मौजूद यौगिक (जैसे निम्बिडीन और निम्बिन ) इंसुलिन संवेदनशीलता को मजबूत करता है और ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  •  करेले - करेले में चारेंटिन नामक यौगिक होता है जो ब्लड शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है और ग्लुकोज़ के अवशोषण को दूर करता है।
  • लाभ - दोनों का मिश्रण जूस मधुमेह (डायबिटीज) कि मरीज़ को ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद करता है।

2 ब्लड प्रेशर (बीपी) को कंट्रोल करने में मदद :

नीम के फायदे : 

1 एंटीऑक्सीडेंट्स : नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा आक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।

2 सोडियम कि मात्रा कम करता है : नीम शरीर में मौजूद अतिरिक्त सोडियम को निकालने में मदद करता है जिससे हमारे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

3 एंटी इंफ्लेमेन्टरी गुण : नीम में मौजूद एंटी इंफ्लेमेन्टरी गुण शरीर की रक्तवाहिकाओं की सूजन को कम करता है। जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

करेले के फायदे 

  • वासोडिलेशन: करेले में मौजूद वासोडिलेशन यौगिक रक्तप्रवाह को फैलाते हैं जिससे ब्लड सुचारू रूप से चलता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
  • एंटी ऑक्सीडेंट - करेले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा आक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।
  • Rich in Potassium पोटेशियम मौजूद - करेले में पोटेशियम की मात्रा भरपूर होता है रक्तवाहिकाओं को आराम देता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है।


सावधानियां 

  • नीम और करेले का मिश्रण जूस का उपयोग सीमित मात्रा में करें।
  • गर्भवती महिलाएं इस प्रयोग से दूर रहें।
  • 30 मिनट से अधिक समय तक न करें।
  • एलर्जी टेस्ट करें अगर आपको किसी भी तरह की एलर्जी ने हों तो यह प्रयोग करें।
  • ज्यादा बीमारी से पीड़ित हैं तो डाक्टर के सलाह अनुसार यह प्रयोग करें अन्यथा नहीं।
  • इसका प्रयोग सप्ताह में एक बार करें, अधिक बार करने से हानी हो सकती है।

अस्वीकरण 

उपर बताए गए सभी जानकारीयां सामान्य उपचार के लिए है, गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो आप डाक्टर से सम्पर्क कर परामर्श ले सकते हैं। आयुर्वेदिक चिकित्सा में ठीक होने में समय लगता है, तुरंत इसकी लाभ की कल्पना न करें।सीमित मात्रा में प्रयोग करने पर ही लाभकारी होता है। इस लेख में किसी भी तरह के बीमारी का सटी

क हो, ऐसा दावा नहीं किया गया है ।







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दोस्तों नमस्कार, मैं आपका दोस्त खगेश्वर कश्यप मेरी ब्लॉग sehat trick में स्वागत है, मैं एक शिक्षक हूं मैं मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर चुका हूं, मुझे स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्राप्त, स्वास्थ्य से संबंधित लेख पढ़ना पसंद है, मैं उसे फालो करके अपने जीवन में उपयोग में लाता हूं। मैं अपनी फिटनेस पर ज्यादा देता हूं। मैंने सोचा क्यों ना इस अनुभव का आपके साथ शेयर करुं।